रोजाना इन 7 आयुर्वेदिक चीजों का सेवन करने से होगी इम्यूनिटी बूस्ट
कोरोना के खिलाफ जंग में आपके शरीर की इम्यूनिटी या बीमारियों से लड़ने की उसकी क्षमता अच्छी होनी चाहिए। अपने शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर आप कोरोना ही नहीं बल्कि अन्य सामान्य बीमारियों से भी बचे रहेंगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि शरीर को बिना नुकसान पहुंचाए इसकी इम्यूनिटी कैसे बढ़ाई जाए? इसका सबसे सरल जवाब है, अच्छी जीवनशैली एवं पौष्टिक आहार। साथ ही आयुर्वेद में कई उपायों एवं औषधियों का भी जिक्र है जिनके सेवन से इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है। यहाँ हम आपको ऐसी ही कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में जानकारी देंगे जिनका इस्तेमाल कर आप अपने शरीर को विभिन्न जानलेवा बीमारियों के खिलाफ मजबूत कर सकते हैं।
1. गिलोय
गिलोय एक अमृतवली अर्थात कभी न सूखने वाली बड़ी लता होती है। दिल की तरह दिखने वाले अपने पत्तों की वजह से इसे "हार्टलीव्ड मूनसीड" भी कहा जाता है। गिलोय नुकसानदायक बैक्टीरिया से लेकर पेट के कीड़ों तक को खत्म कर देती है। टीबी रोग का कारण बनने वाले वाले जीवाणु की वृद्धि को रोकती है। आंत और यूरीन सिस्टम के साथ-साथ पूरे शरीर को प्रभावित करने वाले रोगाणुओं को भी खत्म करती है। ऐसा कहा जाता है कि यह अमृतबेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके भी कुछ गुण इसमें आ जाते हैं। इसलिए नीम पर चढ़ी गिलोय को स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। अपनी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए सप्ताह में 3 से 4 बार गिलोय का काढ़ा जरूर पियें।
2. मुलेठी
मुलेठी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर सर्दी-खांसी से आराम पाने में किया जाता है। गले की खराश में यह बेहद असरदार साबित होती है। जाहिर सी बात है कि कोरोना के लक्षणों में भी यह आपके लिए लाभदायक होगी। मुलेठी का काढ़ा बनाकर 20-25 मिली सुबह-शाम सेवन करने से इसका पूरा फायदा मिलता है। आयुर्वेद में मुलेठी का इस्तेमाल सर्दी-जुकाम, खांसी, सांस संबंधी रोग, पिट संबंधी रोग, आँखों की समस्या समेत कई अन्य बीमारियों के इलाज में किया जाता है। आप भी इसका नियमित सेवन कर शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट कर सकते हैं।
3. अश्वगंधा
आयुर्वेद कि कुछ सबसे मशहूर जड़ी बूटियों में से एक है अश्वगंधा। इसके पौधे को मसलने पर घोड़े की पेशाब जैसी महक आने की वजह से इसे यह नाम दिया गया है। इसका प्रयोग कई रोगों के इलाज में किया जाता है। यह शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ ही कई बीमारियों में चमत्कारी फायदे पहुंचाता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल गले का रोग, खांसी, टीबी, छाती दर्द, कब्ज समेत काई स्थितियों के इलाज में होना वर्णित है।
4. एलोवेरा जूस
एलोवेरा का इस्तेमाल आमतौर पर त्वचा संबंधी तकलीफों से निजात पाने के लिए किया जाता है लेकिन इसके फायदे सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हैं। विटामिन ए, सी, ई, बी1, बी2, बी3, बी6, बी12, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, आयरन, पोटैशियम से भरपूर एलोवेरा आपके लिए इम्यूनिटी बूस्टर का काम कर सकता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर की सूजन कम करने में मदद मिलती है। रोजाना सुबह एलोवेरा जूस का सेवन आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ ही की पुरानी बीमारियों से भी निजात दिला सकता है।
5. शहद
शहद ज़रूरी पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिन का भंडार है। इसमें मुख्य रुप से फ्रक्टोज पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन बी-6, विटामिन सी और एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं। एक चम्मच (21 ग्राम) शहद में लगभग 64 कैलोरी और 17 ग्राम शुगर (फ्रक्टोज, ग्लूकोज, सुक्रोज एवं माल्टोज) होता है। नियमित रूप से शहद का सेवन आपके लिए इम्यूनिटी बूस्टर का काम कर सकता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल खांसी, गले की खराश, कब्ज, वजन कम करने, घाव भरने जैसी कई स्थितियों के लिए उल्लेखित है।
6. च्यवनप्राश
च्यवनप्राश भारत के सबसे पुराने आयुर्वेदिक स्वास्थ्य पूरकों में से एक एवं सबसे ज्यादा बिकने वाला आयुर्वेदिक उत्पाद है। इसमें आंवला, गिलोय, अष्टवर्ग समेत कई आयुर्वेदिक औषधियाँ मौजूद होती हैं। च्यवनप्राश का सेवन मुख्य रूप से शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए किया जाता है। यह आपको सर्दी-खांसी में राहत देने के साथ ही रोगों के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूत बनाता है। रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन कर आप कई तकलीफों से बच सकते हैं।
7. आंवला
आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत होने के साथ ही शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट करने के मामले में भी बेहद असरदार है। ऐसा माना जाता है कि आंवला हमारे शरीर में रेब ब्लड सेल बनने की प्रक्रिया को तेज करता है और हीमोग्लोबीन की मात्रा बढ़ाता है। आंवले का नियमित सेवन आपको कई बीमारियों से बचाने में सहायक हो सकता है।